समानार्थी -पर्यायवाची शब्द :जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें हम पर्यायवाची शब्द अथवा प्रतिशब्द कहते हैं । एक जैसे अर्थ का बोध करने वाले शब्द एक दुसरे के पर्यायवाची कहलाते है इसे समानार्थी भी कहते है।
पयार्यवाची शब्द के प्रकार –
- पूर्ण पयार्यवाची :- वे शब्द जो ठीक वही अर्थ अथवा यथावत अर्थ का बोध करावे, पूर्ण पयार्यवाची है – पितृ- पिता
- अपूर्ण पर्यायवाची :- वे शब्द जो समान अर्थ का बोध कराए किन्तु अनेकार्थी होता है अपूर्ण पयार्यवाची या समानार्थी शब्द कहलाते है।
Samanarthi Shabd Hindi – समानार्थी -पर्यायवाची शब्द
- अलंकार– आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
- अतिथि- मेहमान ,पाहुन ,आगंतुक, अभ्यागत।
- अश्व- घोड़ा,आशुविमानक, तुरंग, घोटक, हय, तुरंगम, वाजि, सैंधव, रविपुत्र।
- अधर्म- पाप ,अनाचार, अनीत, अन्याय, अपकर्म, जुल्म।
- अचल- अडिग ,अटल ,स्थिर ,दृढ, अविचल।
- अनुपम- अनोखा, अनूठा, अपूर्व, अद्भुत, अद्वितीय, अतुल।
- अमृत- मधु, सुधा, पीयूष ,अमी, सोम ,सुरभोग।
- अंबा- माता, जननी, मां, जन्मदात्री, प्रसूता।
- अहंकार– दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
- अरण्य– जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।
- अंकुश– नियंत्रण, पाबंदी, रोक, अंकुसी, दबाव, गजांकुश, हाथी को नियंत्रित करने की कील,
- अंतरिक्ष– खगोल, नभमंडल, गगनमंडल, आकाशमंडल।
- अंतर्धान– गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य।
- अंबर– आकाश, आसमान, गगन, फलक, नभ।
- अंतर्गत– शामिल, सम्मिलित, भीतर आया हुआ गुप्त।
- आयुष्मान- चिरंजीवी, दीर्घ, जीवी, शतायु ,दीर्घायु।
- आदर्श- प्रतिमान, मानक, प्रतिरूप ,नमूना।
- आयु- अवस्था, उम्र, वय, जीवनकाल, वयस्, जिन्दगी ।
- आभूषण- अलंकार, भूषण, गहना, आभरण, जेवर, टूम ।
- आँख– नेत्र, नयन, चक्षु, दृग, लोचन, अक्षि, नजर, अक्ष, चश्म।
- आकाश– नभ, अनन्तं, अभ्रं, पुष्कर, शून्य, तारापथ, अंतरिक्ष, आसमान, फलक, व्योम, दिव, खगोल, गगन, अम्बर।
- आत्मा- प्राणी, प्राण, जान, जीवन, चैतन्य, ब्रह्म, क्षेत्रज्ञ, सर्वज्ञ, सर्वव्याप्त, विभु, जीव ।
- आयुष्मान- चिरंजीव, दीर्घजीवी, शतायु, दाघायु।
- आदर्श– प्रतिमान, मानक, प्रतिरूप, नमूना ।
- आम– अतिसौरभ, रसाल, फलराज, आम्र, सहकार, पिकबंधु, च्युतफल ।
- इंद्र- पुरंदर, शक्र, शचिपति, सुरपति, देवराज, मघवा, देवेश, शतक्रतु, सुत्रामा, वासव, सुरेश, वृहत्रा, अमरपति, पर्वतारि, वीडौजा, कौशिक, शतमन्यु।
- इंद्रधनुष- सूरधनु, इंद्रायुध, शक्रचाप, सप्तवर्ण।
- इंद्राणी- पुलोमजा, शची, इन्द्रा, इंद्रवधू, ऐन्द्री।
- इत्यादि– आदि, प्रभृति, वगरैह।
- इठलाना– चोंचले करना, नखरे करना, इतराना, ऐंठना, हाव-भाव दिखाना, शान दिखाना, शेखी, मदांध मारना, तड़क-भड़क दिखाना, अकड़ना, मटकाना, चमकाना।
- इनाम– पुरस्कार, पारितोषिक, पारितोषित करना, बख्शीश।
- इजाजत– स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति।
- इज्जत– मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।
- इर्द-गिर्द– मंडलाकार मार्ग में, चक्करदार रास्ते पर, घेरे में, चतुर्दिक, चारों दिशाओं में।
- इशारा– संकेत, इंगित, लक्ष्य, निर्देश।
- इलजाम– आरोप, लांछन, दोषारोपण, अभियोग।
- ईर्ष्या- स्पर्धा, मत्सर, डाह, जलन, कुढ़न।
- उत्पत्ति- उद्भव, जन्म, जनन, आविर्भाव ।
- उपदेश– दीक्षा, नसीहत, सीख, शिक्षा, निर्देशन।
- उचित– ठीक, मुनासिब, वाज़िब, समुचित, युक्तिसंगत, न्यायसंगत, तर्कसंगत, योग्य।
- उपवन– बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, पुष्पोद्यान, फुलवारी, पुष्पवाटिका, गुलिस्तान, चमन, गुलशन।
- उपकार– भेंट, नजराना, भलाई, नेकी, उद्धार, अच्छाई, परोपकार, कल्याण, अहसान, आभार, तोहफा।
- उपहास– परिहास, मजाक, खिल्ली।
- उदाहरण– मिसाल, नजीर, दृष्टान्त, कथा-प्रसंग, नमूना, दृष्टांत।
- उषाकाल-अरुणोदय, प्रातः, प्रभात।
- ऐश्वर्य- वैभव संपन्नता धन-संपत्ति श्री महत्ता विभूति बड़प्पन समृद्धि दौलत।
- एकांत – निर्जन सुनसान शून्य।
- ऐश्वर्य- वैभव संपन्नता धन-संपत्ति श्री महत्ता विभूति बड़प्पन समृद्धि दौलत।
- कर्ण- सूर्यपुत्र, राधेय, कौन्तेय, पार्थ, अंगराज, सूतपुत्र।
- कनक- कंचन, सुवर्ण, हिरण्य, हेम, हाटक, सोना, स्वर्ण।
- कपोत- कबूतर, हारीत, पारावत, परेवा, रक्तलोचन।
- कपड़ा- अंबर, पट, पोशाक, लिबास, दुकूल, परिधान,चीर, वसन, वस्त्र।
- कमल- जलज, पंकज, अम्बुज, सरोज, शतदल, नीरज, इन्दीवर, सरसिज, अरविन्द, नलिन, उत्पल, सारंग, शतपत्र, राजीव, पद्म, अब्ज, पुण्डरीक,सरसीरुह, वारिज, कुशेशय।
- कली- कलिका, मुकुल, कुडमल, डोंडी, गुंचा, कोरक।
- कपूर- घनसार, हिमवालुका।
- कर- हाथ, हस्त, बाहु, पाणि, भुज।
- कर्तव्य- कर्म, कृत्य, विधेय।
- कान्ति- प्रकाश, आलोक, उजाला, दीप्ति, छवि, सुषमा,आभा, प्रभा, छटा, द्युति।
- कामदेव- मदन, काम, कंदर्प, मनोज, स्मर, मीनकेतु, मनसिज, मार, रतिपति, मन्मथ, अनंग, शंबरारि,कसुमेष, पुष्पधन्वा।
- किरण- अंशु, रश्मि, कला, कर, गो, प्रभा, दीधिति, मयूख, मरीचि।
- किनारा- तट, कूल, तीर, कगार, पुलिन।
- कुत्ता- सारमेय, सोनहा, शुनक, गंडक, कुकर, श्वान,कुक्कुर।
- केला- कदली, भानुफल, गजवसा, कुंजरासरा, मोचा, रम्भा।
- कौआ- काक, वायस, काण, काग, बलिपुष्ट, करकट,पिशुन।
- कंठ- गला, शिरोधरा, ग्रीवा, गर्दन।
- कुबेर- धनद, यक्षराज, धनाधिप, यक्षपति, किन्नरेश, राजराज, धनेश।
- कृतज्ञ- ऋणी, आभारी, अनुग्रहित, उपकृत ।
- खेल- क्रीड़ा, केलि, तमाशा, करतब।
- खिड़की- रोशनदान, बारी, दरीचा, वातायन,गवाक्ष,झरोखा।
- गरुड़- खगेश, खगपति, नागांतक, सुपर्ण, वैनतेय।
- गाय- भद्रा, गौरी, सुरभी, धेनु, गऊ, गौ,गैया, पयसि्वनी,दोग्धी।
- गंगा- देवनदी, भागीरथी, सुरसरिता, जाह्नवी, मन्दाकिनी विष्णुपदी, सुरसरि, देवपगा, त्रिपथगा, सुरधुनी।
- गन्ना- ईक्षु, ऊख, ईख, पौंड़ा।
- गणेश- गणपति, गजवदन, मूषकवाहन, लम्बोदर . विनायक, गजानन, भवानीनन्दन।
- गुप्त- गूढ़, रहस्यपूर्ण, परोक्ष, छिपा।
- गेंद- कन्दुक, गिरिक, गेन्दुक।
- गधा- खर, वैशाखनन्दन, गर्दभ, रासभ, लम्बकर्ण, धूसर।
- गीदड़- नचक, शिवां, सियार, जंबुक, श्रृंगाल।
- गोद – पार्श्व, अंक, उत्संग, गोदी, क्रोड।
- घड़ा- घट, कलश, कुंभ, घटक, कुट।
- घी- हव्य, अमृतसार, क्षीरसार, आज्य।
- घास- शष्प, शाद, शाद्वल, तृण, दूर्वा, दूब।
- घृणा- अरुचि, नफरत, जुगुप्सा, अनिच्छा, विरति, घिन।
- घर– आलय, आवास, गेह, गृह, सदन, निवास, भवन, वास, वास -स्थान, शाला, निकेतन, निलय
- घड़ा- घट, कलश, कुंभ, घटक, कुट।
- छाछ- गोरस, मठा, दधि स्वेद, मट्ठा।
- छुट्टी- अवकाश, फुर्सत, विश्राम, विराम, रुखसत।
- जल- नीर, सलिल, जीवन, तोय, उदक, पानी, पय,अंबु, अंभ, रस, आब, वारि ।
- जिह्वा- जीभ, रसज्ञा, रसा, जबान, रसिका, रसना, वाचा।
- जगत- विश्व, दुनिया, जगती, संसार, भव, जग, जहान्, लोक।
- जहर- हलाहल, विष, गरल, कालकूट, गर।
- झंडा- पताका, केतु, निसान, ध्वज, केतन, वैजयंती।
- झूठ- मिथ्या, अनृत, मृषा, असत्य।
- झरना- स्रोत, झर, प्रपात, सोता, निर्झर।
- नियति- प्रारब्ध, भाग्य, दैव्य, भावी, होनी।
- तलवार- खड़ग, करवाल, कृपाण, चन्द्रहास, असि, खंग, शमशीर, खंजर ।
- तालाब- तड़ाग, सर, जलाशय, सरसि,ताल,पद्माकर, पुष्कर, सरोवर।
- तांबा- रक्तधातु, ताम्र, तामा, ताम्रक।
- तरकस- तूणीर, निषंग, तूणी, उपासंग, इषुधि।
- तारा- तारक, नक्षत्र, तारिका नखत उडुगन सितारा।
- तरुण- युवा,जवान, युवक।
- तोता- शुक, सुआ, सुग्गा, कोर, सुअरा, दाडिमप्रिय, रक्ततुंड।
- थोड़ा- स्वल्प, अल्प, किंचित्, परिमित, लघु, कम।
- थन- कुच, स्तन, वक्षोज, उरोज, पयोधर।
- दीपक- प्रदीप, दीप, दीया, ज्योति, चिराग।
- दूध- पय, क्षीर, गोरस, दुग्ध स्तन्य।
- द्रौपदी- कृष्णा, पांचाली, सैरंध्री, याज्ञसेनी।
- दुःख- व्यथा, क्लेश, पीड़ा, कष्ट, संताप, वेदना ।
- देवता- वृंदारक, अजर, निर्जर, अमर्त्य, अमर, देव, सुर, विबुध, आदित्य।
- दुर्जन- पामर, खल, बदमाश, दुष्ट ।
- दिन- अह:, दिवस, वासर, दिवा, वार।
- दया- कृपा, अनुकंपा, करुणा, अनुग्रह।
- दंगा– उपद्रव, उत्पात, शोरगुल, लड़ाई, झगड़ा, फ़साद।
- दफा– बेर, आवृत्ति, बार।
- दलना– पीसना, कुचलना, मसलना, नष्ट करना, ध्वस्त करना, तोड़ना, खंडित करना।
- दस्ता– डंडा, सोंटा, छड़ी, टुकड़ी, दल, समूह।
- दुर्दशा– बुरी, दशा, खराब, हालत, अवस्था, दुर्गति।
- नियति- प्रारब्ध, भाग्य, दैव्य, भावी, होनी।
- पृथ्वी- भूमि ,अचला, अनंता ,रसा, विश्वंभरा ,स्थिरा ,धरा ,धरित्री, धरनी ,ज्या, काश्यपि, क्षिति, वसुमति, वसुधा, वसुंधरा ,गोधरा, कुः, पृथिवी ,अवनी ,मेदिनी ,मही, विपुला, गह्वरी, धात्री ,गो, ईला, कुम्भिनी, भूतधात्री ,रतनगर्भा, जगती, अंबरा।
- पर्वत- पहाड़, गिरि, अद्रि, महीधर, भूधर, अचल, शैल, धरणीधर, नग।
- नदी- सरिता, वाहिनी, अपगा, शैवालिनी, शैलजा, सिंधुगामिनी,तरंगिणी, स्रोतस्विनी, तटिनी।
- नम्र- सुशील, शिष्ट, विनीत, विनयशील, विनयी।
- नाव- नौका, नौ, जलयान, बेड़ी, डोंगी, नैया, तरिणी,तरी, जल वाहन।
- नारद- ब्रह्मर्षि, ब्रह्म-पुत्र, देवर्षि, ब्रह्मर्ष।
- पत्थर- पाषाण पाहन, उपल, अश्म, शिला, प्रस्तर।
- पथ– मग, मार्ग, राह, पंथ, रास्ता।
- पंकज– कमल, राजीव, पद्म, सरोज, नलिन, जलज।
- पगड़ी– पगिया, मुरैठा, साफा, प्रतिष्ठा, मान-मर्यादा, भेंट, उपहार।
- परोपकार– परहित, भलाई, नेकी, परकाज, परमार्थ, परार्थ।
- पुत्र- बेटा, तनुज, सूत, आत्मज, तनय।
- परतन्त्र- पराधीन, परवश, पराश्रित, गुलाम, अधीन।
- पार्वती- गिरिजा, अम्बिका, भवानी, गौरी।
- पिता- तात, जनक, जनयिता, बाप , पितृ।
- पर्वत- भूधर, गिरी, महीधर, शैल, नग, मेरु।
- पल्लव- किसलय, पर्ण, पत्ती, कोपल, पात।
- पुत्री- तनया, आत्मजा, दुहिता, सुता, बेटी।
- प्रगति- विकास, उन्नति, श्रीवृद्धि, तरक्की।
- प्रख्यात- प्रसिद्ध, विख्यात, मशहूर, यशस्वी।
- प्रिया– प्रेयसी ,प्यारी ,वल्लभा , प्रभात।
- पत्थर- पाषाण पाहन, उपल, अश्म, शिला, प्रस्तर।
- मोक्ष- कैवल्य, मुक्ति, सद्गति, निर्वाण, परम पद।
- मुलाकात– मिलन, भेंट, मेल, मिलाप, दर्शन।
- मधुप- भ्रमर, अलि, भौंरा, भृंग, षट्पद, मधुकर, द्विरेफ, चंचरीक, मिलिंद ।
- मुर्गा- कुक्कुट, ताम्रचूड़, तमचुर, अरुणशिक, अरुणचूड़।
- मेंढक- दादुर, दर्दुर, वर्षाभू, मंडूक, भेक, शालूर।
- मैना- चित्रलोचना, सारिका, मधुरालया।
- मोर- शिखी, शिव-सुत-वाहन, कलाजी, सारंग, नीलकंठ, केकी, मयूर ।
- मूँगा- रक्तमणि, रक्तांग, प्रवाल, विद्रुम ।
- मोती- मोक्तिक, मुक्ता, शशिप्रभ, सीपिज।
- यमुना- कालिंदी, तरणि-तनुजा, सूर्यजा, अज रवितनया, जमुना, कृष्णा, रविसुता |
- युद्ध- रण, समर, संग्राम, जंग, लड़ाई।
- युवती- तरुणी, श्यामा, रमणी, प्रमदा, सुंदरी, स्त्री, नारी, औरत, वनिता, कांता, वामा, त्रिया ।
- यम- कीनाश, जीवितेश, श्राद्धदेव, दण्डधर, सूर्यपुत्र,
- यमराज- अंतक, धर्मराज, कृतान्त ।
- यात्रा– सफर, गमन, तीर्थाटन, प्रयाण, प्रस्थान।
- रात्रि– राका, निशा, रजनी, यामिनी, विभावरी।
- रमा– श्रीकमला, विष्णुप्रिया, इंदिरा, लक्ष्मीकांता।
- राजमहल- राजभवन, राजप्रसाद, राजमंदिर।
- राधा- हरिप्रिया, राधिका, ब्रजरानी।
- राम- रघुपति, राघव, रघुनंदन, रघुवर, सीतापति।
- रावण– लंकेश, लंकापति, दशानन दशकण्ठ।
- रश्मि- कर, अंशु, मरीच, मयूख, किरण।
- रश्मि- कर, अंशु, मरीच, मयूख, किरण।
- रश्मि- कर, अंशु, मरीच, मयूख, किरण।
- संध्या- निशारंभ, दिवावसान, दिवसावसान, दिनांत, सांयकाल, गोधूलि ।
- स्वर्ग- सुरलोक, देवलोक, द्युलोक, नाक ।
- स्वर- शब्द, ध्वनि, निनाद, रव, मुखर, नाद, घोष।
- सुरभि- सुगंध, इष्टगंध, घ्राण, तर्पण, सौरभ, सुवास ।
- सेना- चमू, दल, कटक ।
- सहेली- सखी, सहचरी, सजनी, आली, सैरंध्री।
- सूर्य- दिनकर, दिवाकर, भास्कर, आदित्य, सविता, अर्क, हरि, रवि, भानु, सहस्रांशु, प्रभाकर, अंशुमाली, दिनेश, मार्तंड, पतंग, पूषा, दिनमणि, अहर्पति, आफताब ।
- सर्प- साँप, व्याल, पन्नग, अहि, नाग, विषधर, भुजंग, उरग, सरीसृप ।
- समुद्र- पारावार, पयोधि, नीरधि, वारिधि, उदधि, जलधि, रत्नाकर, सागर, सिंधु, अब्धि, नदीश।
- सरस्वती- वाक्, वाग्देवी, भारती, वाणी, शारदा, वीणापाणि, हंसवाहिनी, वागीश्वरी।
- संध्या- निशारंभ, दिवावसान, दिवसावसान, दिनांत, सांयकाल, गोधूलि ।
- क्षमारहित-अक्षम, अशक्त, असमर्थ, क्षमाशून्य।
- क्षमाशील- क्षम, क्षमी, क्षमावान, क्षमित, क्षमिता, तितिक्षु, प्रभूष्णु, शक्त, शान्तियुक्त, सह, सहन, सहिष्णु।
- क्षत्राणी- क्षत्राणी, क्षत्रिय पत्नी, क्षत्रिया, क्षत्रियाणी, क्षत्रियी, क्षत्री पत्नी, महारानी, राजपत्नी, रानी, वीरपत्नी, वीरमाता, वीरस्नुषा, वीरा ।
- क्षण- अदिष्ट, अवसर, उत्सव, काल, घड़ी, छन, छिन, मौका, दण्ड, निमेष, प्रसंग, पल, बेला, मुहूर्त, वक्त, विरियाँ, समय, समय भाग ।
- क्षत- आघात, काटना, क्षति, घायल, घाव, जख्म, नाश, पीड़ित, मारना, फोड़ा, व्रण ।
- क्षत्रिय- क्षत्र, क्षत्री, द्विजलिंगी, नाभि, नृप, पार्थिव, बाहुज, मूर्द्धक, मूद्र्धाभिषिक्त, राजन्य, राजा, वर्म, विराज, विराट, वीर, सार्वभौम।
- क्षितिज- अंबरांत, अंबरारंभ, आकाश, आकाश रेख, आकाश षीर्ष, उत्कर्ष, उफुक, उर्ध्वबिन्दु, केंचुआ, खमध्य, खस्वस्तिक, चक्षुपथ, चरमबिन्दु, चोटी, ध्वनिगाही आकाश, नभशीर्ष, निकट आकाश, पराकाष्ठा, पराकोटि, पृथ्वीय आकाश, मंगल ग्रह, दिगंत, दिशान्त, दिशामण्डल, नरकासुर, पेड़, वातावरण, वियत, वृक्ष, शफ़क, शब्दवाही आकाश, शिरोबिन्दु, शीर्षाकाश, सुबिन्दु।
- क्षति- क्षय, घाटा, नाश, हानि, नुकसान।
- क्षण- भंगुर अनित्य, अस्थिर, क्षणिका, नश्वर, नाशवान।
- क्षीण- अल्प, कमजोर, कृष, क्षाम, थोड़ा, दुबला-पतला, बलहीन, बारीक, सूक्ष्म ।
- क्षमता- ताकत, पहुँच, बल, शक्ति, सामर्थ्य,योग्यता।
- क्षय- अतिरोग, ऊष्मा, गदाग्रणी, छई, तपेदिक, दिक, नृपामय, यक्ष्मा, राज्यक्षमा, रोगराज, शोष।
- क्षर- अज्ञान, जल, जीवात्मा, नाशवान्, मेघ, शरीर।
- क्षिति- आवास, क्षय, गोरोचन, जगह, पृथ्वी, प्रलय-काल ।
- क्षमारहित-अक्षम, अशक्त, असमर्थ, क्षमाशून्य।
- क्षमारहित-अक्षम, अशक्त, असमर्थ, क्षमाशून्य।
- हवा — पवन, वायु, समीर, वात, मरुत्, पवमान, बयार, प्रकंपन, समी
- साँप — सर्प, नाग, विषधर, व्याल, भुजंग, उरग, अहि पन्नग।
- जंगल — वन, कानन, बीहड़, विटप, विपिन।
- घर — गृह, सदन, आवास, आलय, गेह, निवास, निलय, मंदिर।
- अमृत — सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक
- असुर — राक्षस, दैत्य, दानव, निशाचर, दनुज, यातुधान, निशिचर, रजनीचर।
- अग्नि — आग, अनल, पावक, वह्नि।
- अश्व — घोड़ा, हय, तुरंग, वाजी, घोटक , सैंधव, तुरंग।
- आकाश — गगन, नभ, आसमान, व्योम, अंबर, धौ, अंतरिक्ष, अनंत
- आँख — नेत्र, दृग, नयन, लोचन, चक्षु, अक्षि, अंबक, दृष्टि, विलोचन।
- इच्छा — आकांक्षा, चाह, अभिलाषा, कामना, ईप्सा, मनोरथ, स्पृहा, ईहा, वांछा।
- इंद्र — सुरेश, देवेंद्र, देवराज, पुरंदर, सुरपति, मघवा, वासव, महेंद्र।
- ईश्वर — प्रभु, परमेश्वर, भगवान, परमात्मा।
- कमल — जलज, पंकज, सरोज, राजीव, अरविन्द, नीरज।
- गरमी — ग्रीष्म, ताप, निदाघ, ऊष्मा।
- गृह — घर, निकेतन, भवन, आलय,निवास, गेह, सदन, आगार, आयतन, आवास, निलय, धाम।
- गंगा — सुरसरि, त्रिपथगा, देवनदी, जाह्नवी, भागीरथी।
- चंद्र — चाँद, चंद्रमा, विधु, शशि, राकेश, हिमांशु, सुधांशु, सुधाकर, सुधाधर, सारंग, निशाकर, निशापति, रजनीपति,मृगांक, कलानिधि।
- जल — वारि, पानी, नीर, सलिल, तोय, उदक, अंबु, जीवन, पय, अमृत, मेघपुष्प।
- नदी — सरिता, तटिनी, तरंगिणी, निर्झरिणी, आपगा, निम्नगा, कूलंकषा।
- पवन — वायु, समीर, हवा, अनिल।
- पत्नी — भार्या, दारा, अर्धांगनी, वामा, गृहिणी, बहू, वधू, कलत्र, प्राणप्रिया
- पुत्र — बेटा, सुत, तनय, आत्मज, जनज, लड़का, तनुज।
- पुत्री — बेटी, सुता, तनया, आत्मजा, दुहिता, नंदिनी, तनुजा।
- दोस्त — बन्धु, मित्र, साथी, यार, सखा, हितैषी, अंतरंग, साखी, जीवन-साथी, मीत, सहायक
- पृथ्वी — धरा, धरती, वसुधा, भूमि, वसुंधरा, भू, इला, धरा, धरत्री, धरणी।
- पर्वत — शैल, नग, भूधर, पहाड़, अंचल, महीधर, गिरि, भूमिधर, तुंग, अद्रि।
- बिजली — चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी, विधुत्, तड़ित, बीजुरी, क्षणप्रभा।
- मेघ — बादल, जलधर, पयोद, पयोधर, घन।
- राजा — नृप, नृपति, भूपति, नरपति, भूप, महीप, महीपति, नरेश, राव, सम्राट्
- रजनी — रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।
- सर्प — साँप, अहि, भुजंग, विषधर, व्याल, फणी, उरग, पन्नग, नाग।
- सागर — समुद्र, उदधि, जलधि, वारिधि, पारावार, सिंधु, नीरनिधि, नदीश, पयोधि, अर्णव, पयोनिधि, रत्नाकर, अब्धि, वारीश, जलधाम, नीरधि।
- सिंह — शेर, वनराज, शार्दूल, मृगराज, व्याघ्र, पंचमुख, मृगेंद्र, केशरी, केहरी, केशी, महावीर।
- सूर्य — रवि, दिनकर, सूरज, भास्कर, मार्तंड, मरीची, प्रभाकर, सविता, पतंग, दिवाकर, हंस, आदित्य, भानु, अंशुमाली।
- स्त्री — ललना, नारी, कामिनी, रमणी, महिला, वनिता, कांता।
- शिक्षक — गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।
- हाथी — कुंजर, गज, द्विप, करी,
- आश्रम– मठ, विहार, कुटी, स्तर, अखाड़ा, संघ
- कपड़ा– वस्त्र, पट, वसन, अंबर, चीर , परिधान
- कमल– सरोज, जलज, अब्ज, पंकज, अरविंद, पद्म, कंज, शतदल, अंबुज, सरसिज, नलिन, तामरस
- किरण– मरीचि, मयूख, अंशु, कर, रश्मि, प्रभा, अर्चि, गो
- कुबेर– किन्नरेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज
- गणेश– लंबोदर, एकदंत, मूषकवाहन, गजवदन, गजानन, विनायक, गणपति, विघ्ननाशक, भवानी नंदन, महाकाय, विघ्नराज, मोदकप्रिय, मोददाता
- गदहा– खर, गर्दभ, धूसर, रासभ, बेशर, चक्रीवान्, वैशाखनंदन
- चोर– तस्कर, दस्यु, रजनीचर, मोषक, कुंभिल, खनक, साहसिक
- यमुना– सूर्यसुता, सूर्यतनया, कालिंदी, अर्कजा, कृष्णा
- तालाब– सर, सरोवर, तड़ाग, हृद, पुष्कर, जलाशय, पद्माकर
- दास– अनुचर, चाकर, सेवक, नौकर, भृत्य, किंकर, परिचारक
- दु:ख– पीड़ा, व्यथा, कष्ट, संकट, शोक, क्लेश, वेदना, यातना, यंत्रणा, खेद
- देवता– सुर, अमर, देव, निर्जर, विबुध, त्रिदश, आदित्य, गीर्वाण
- द्रव्य– धन, वित्त, संपदा, विभूति, दौलत, संपत्ति
- नौका– नाव, तरिणी, जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, पतंग
- पति– भर्ता, वल्लभ, स्वामी, आर्यपुत्र
- पक्षी– विहंग, विहग, खग, पखेरू, परिंदा, चिड़िया, शकुंत, अंडज, पतंग, द्विज
- पंडित– सुधी, विद्वान, कोविद, बुध, धीर, मनीषी, प्राज्ञ, विचक्षण
- पुष्प– फूल, सुमन, कुसुम, प्रसून
- बाण– तीर, शर, विशिख, आशुग, शिलीमुख, इषु, नाराच
- ब्रह्मा– आत्मभू, स्वयंभू, चतुरानन, पितामह, हिरण्यगर्भ, लोकेश, विधि, विधाता
- वृक्ष– तरु, द्रुम, पादप, विटप, अगम, पेड़, गाछ
- मछली– मत्स्य, झख, मीन, जलजीवन, सफरी, झष, जलीय जीव
- महादेव– शंभु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्वर, शंकर, चंद्रशेखर, भव, भूतेश, गिरीश, हर, त्रिलोचन
- मेघ– घन, जलधर, वारिद, बादल, नीरद, वारिधर, पयोद, अंबुद, पयोधर
- मुनि– यती, अवधूत, संन्यासी, वैरागी, तापस, संत, भिक्षु, महात्मा, साधु, मुक्तपुरुष
- रात्रि– शर्वरी, निशा, रात, रैन, रजनी, यामिनी, त्रियामा, विभावरी, क्षणदा,
- विष्णु– गरूड़ध्वज, अच्युत, जनार्दन, चक्रपाणि, विश्वंभर, मुकुंद, नारायण, हृषीकेश, दामोदर, केशव, माधव, गोविंद, लक्ष्मीपति, विभु, विश्वरूप
- समूह– समुदाय, वृंद, गण, संघ, पुंज, दल, झुंड, मंडली, टोली, जत्था
- सरस्वती– ब्राह्मी, भारती, भाषा, वाक्, गिरा, शारदा, वीणापाणि, वागीशा
- सोना– सुवर्ण, स्वर्ण, कंचन, हाटक, कनक, हिरण्य, हेम, जातरूप
- सुंदर– रुचिर, चारु, रम्य, सुहावना, मनोहर, रमणीक, चित्ताकर्षक, ललित