मुख्यपृष्ठ Hindi Poem For Class 2 Competition Hindi Poem For Class 2 Competition By -Shweta K १३ एप्रिल 0 Hindi Poem For Class 2 : दोस्त हिंदी की कविता क्लास 2 के लिए जो याद रखने में काफी आसान है . Hindi Poem For Class 2 Competition बिल्ली को हुआ बुखारबिल्ली बोली – मुझको हुआ बुखार,चूहा चाचा, करो कुछ उपचारहाल मेरा बड़ा बेहाल !चूहा चाचा बोले – करता हूँ तेरा इलाज ,होगा तुझे जल्दी आराम !!बिल्ली बोली – चाचा जल्दी बता दवा,नहीं तो तू नहीं बचा !!!चूहा चाचा बोले – पेरासीटामोल खा ले हो जायेगा,तेरा बुखार ठीक !!!मेरी नानीनानी मेरी नानीसारे जग से सयानी।रोज सुनाती कहानीकभी राजा कभी रानीउनको याद जुबानी।जब भी कोई तंग करताडांट लगाती पुरानी।। काश हमारे भी पंख होतेकाश हमारे भी पंख होतेपंछियों की तरह उड़ते,काश हमारे पंख होते |बस,कार, रेल, जहाज की जरूरत नहीं होती,काश हमारे पंख होते |मिनटों मे आसमाँ छू लेते,काश हमारे पंख होते |ना होता प्रकृति को नुकसान,काश हमारे पंख होते |क्या फिर भी होती कोई सीमाएं,काश हमारे पंख होते |काश हमारे पंख होते,काश हमारे पंख होते !!बिल्लीबिल्ली चुपचाप दबे पांव आती बिल्ली खुला दूध पी जाती बिल्ली खतरा सुन करती म्याऊं म्याऊं और भाग जाती है धरती मां धरती जीवन देती दुख हर लेती यह धरती मां अपनी ममता से खुशियां देती यह धरती मां संपूर्ण सृष्टि का सजीव इतिहास यह धरती मां लाचार या कर्मवीर की शरण भूमि यह धरती मां।खेल तन मन की शुद्धिखेल तन मन की शुद्धि करता खेल हो अपना या पराया कराता सबसे मेल है सहज और सरल बहुत खेलना कोई खेल आसान हर मुश्किल होगी जीवन जब हो जाएगा खेल।व्यायामव्यायाम सुबह हो या शाम करना जरूर व्यायाम बड़े या बुजुर्ग का सलाह व्यायाम करो योगा या ध्यान है सब व्यायाम शरीर का बल मन की ताकत का आधार व्यायाम ।सूरज सुबह सुबह सवेरे का सूरज सब को नींद से जगाता सूरज से जग को मिलता उजियारा अंधेरे के बाद जब आता सूरज पंछी नदियां पहाड़ सब खिल उठता जब आता सूरज दुनिया फिर से दौड़ लगाती जब आकर दस्तक देता सूरज।मीठी बोलीमीठी बोली मीठी बोली मीठी बोली शहद से मीठा गुड़ की भेली मीठी बोली करती काम होता जग में उसका नाम नहीं होता झगड़ा रगड़ा जब होता मीठी बोली का पहरा ।मम्मीमम्मी मेरी प्यारीदुनिया से है न्यारीपहनती है वह साड़ीप्यार करती ढेर सारी।पापापापा भी है प्यारेदुनिया से न्यारेमिठाइयां लाते सारेप्यारे हो जो हमारे ।।बिल्ली रानीमेरी बिल्ली रानी हैलेकिन बड़ी सयानी है।दिन भर घर में घूमती हैचूहों को भी मार भगाती है।मम्मी जब दूध रखती हैझटपट आकर पीती है।।फलों का राजाआम है फलों का राजाउसको खाते सब कोई ताजापापा जब भी बाजार जातेढेर सारे आम लातेआम फल का राजा हैमैं पापा का राजा हूंछोटा सा हूं, मोटा सा हूंगोदी में सबके खेलता हूं।Hindi poem for class 1, 2 and 3 studentsतितली तितली होती रंग – बिरंगीफूलों पर घूमती डाली – डाली।कोई लाल, कोई हरी, होती कोई काली।इतना कोमल इतना सुंदरसब बच्चों लगती प्यारी।हाथ किसी के नहीं आतीघूमती दुनिया सारी।।सावन सावन जब आता हैखूब मजा आता है।चारों ओर हरियाली होतीपेड़ों पर खुशियाली होती।दादुर, मोर, पपीहा गातेमेंढक उछलकर नाच करते।कोयल ऊंचे तान सुनातीघूम – घूम कर सगुन बजाती। ।प्यारी चिड़ियाओ री प्यारी चिड़ियातू कल क्यों नहीं आई।पापा ने खाना रखा थाकहां चली गई थी ताई।बच्चे भी तेरे नहीं आएपापा तुझे रहे बुलाए।। Facebook Twitter Whatsapp थोडे नवीन जरा जुने